महाजनपद और उनके राजधानीयां ।
- अंग
चम्पा ( भागलपुर के निकट) - मगध
गिरिव्रज, राजगृह - वज्जि
मिथिला, वैशाली - काशी
वाराणसी - वत्स
कौशाम्बी - कोशल
उत्तरी कोशल – श्रावस्ती( प्रारम्भ में) साकेत (आयोध्या) बाद में
दक्षिणी कोशल – कुशावती - मल्ल
कुशीनारा और पावा - कुरु
इंद्रप्रस्थ, हस्तिनापुर - पांचाल
उत्तरी पांचाल – अहिशक्षात्र
दक्षिणी पंचाल – कांपिल्य - शुरशेन
मथुरा - मत्स्य
विराटनगर/ विराट - अवंति
उत्तरी अवनति – उज्जैनी
दक्षिणी अवनति – महिष्मति - चेदि
शक्तिमती - अश्मक
पोटन/ पोटली
15.गंधार
तक्षशिला
- कंबोज
राजापुर/ हाटक
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महाजनपद काल ( प्राचीन भारत )

- बौद्ध ग्रन्थ अंगुत्तर निकाय और महावस्तु तथा जैन ग्रंथ भगवती सूत्र में 16 महाजनपदों का उल्लेख मिलता है
- महाजनपद में दो प्रकार के राज्य थे – राजतंत्रात्मक और गणतंत्रात्मक।
- गणतंत्रात्मक राज्य थे – वज्जि, मल्ल, कुरु, पांचाल, व कंबोज।
- चम्पा नदी का प्राचीन नाम मालिनी था ।
- अंग और मगध में संप्रभुता के लिए हमेशा संघर्ष होता रहता था।
- मगध नरेश बिम्बिसार ने अंग नरेश ब्रह्मदत्त को युद्ध मे पराजित किया ।
- वज्जि ( महाजनपद) का शाब्दिक अर्थ – पशुपालक समुदाय है।
- वज्जि उत्तर में हिमालय की तराई से दक्षिण में गंगा नदी तक तथा पश्चिम में गंडक नदी से लेकर पूर्व में कोशी नदी तक था।
- वज्जि संघ 8 कुलों से मिलकर बना था । जिनके नाम इस प्रकार है – विदेह, वज्जि, लिच्छवि, ज्यात्रिक, उग्र, भोग, कौरव, और ऐक्ष्वाक।
- विदेह की राजधानी मिथिला थी जिसकी पहचान नेपाल स्थित जनकपुर धाम से की जाती है।
- विदेह का अंतिम शासक कलार था।
- लिच्छवियों की राजधानी वैशाली पूरे संगठन का केंद्र था ।
- लिच्छवियों के निमंत्रण पर महात्मा बुद्ध वैशाली गए थे और वहां की प्रसिद्ध नर्तिकी आम्रपाली को बौद्ध धर्म मे दीक्षित किये।
- वाराणसी वरुणा और अस्सी नामक दो नदियों के मध्य स्थित है।
- काशी पहले कोशल राज्य द्वारा हड़प लिया गया और अंततः इसे मगध नरेश अजातशत्रु के समय इसे मगध में विलय कर लिया गया ।
- वत्स राज्य का सबसे प्रतापी राजा उदयन था । उसने मगध राजकुमारी पद्मावती से विवाह किया । उसने अवनति नरेश चंडप्रद्योत को पराजित कर उसकी पुत्री वासवदत्ता से विवाह किया।
- नाटक स्वप्नवासवदत्ता के रचयिता भास है।
- कोशल राज्य का विस्तार उत्तर में नेपाल से लेकर दक्षिण में स्यानदिक नदी तक तथा पश्चिम में गोमती नदी से लेकर पूर्व में गंडक नदी तक फैला हुआ था।
- कोशल राज्य को सरयू नदी दो भागों में बांटती थी। उत्तरी कोशल और दक्षिणी कोशल।
- बुद्ध के समय मे कोशल का राजा प्रसेनजीत था।
- मल्ल राज्य दो भागों में बंटा हुआ था ।कुशीनगर और पावा। कुशीनारा में महात्मा बुद्ध का निर्वाण हुआ।
- महात्मा बुद्ध के समय कुरुओं का राजा कौरव्य था।
- पांचाल जनपद के विस्तार उत्तर में हिमालय की तराई से लेकर दक्षिण में चम्बल नदी तक तथा पश्चिम में कुरु जनपद से लेकर पूर्व में कोशल जनपद तक था।
- महात्मा बुद्ध के समय अवनति का राजा चनप्रद्योत था।
- अवनति को मगध नरेश शिशुनाग ने मगध में मिला लिया।
- चेदि महाजनपद का प्रसिद्ध शासक शिशुपाल था जिसकी चर्चा महाभारत में मिलती है। इस राज्य की एक शाखा ओडिशा कलिंग में स्थापित हुई जिसका प्रसिद्ध शाशक खारवेल हुआ।
- अश्मक एकमात्र ऐसा महाजनपद था जो दक्षिण भारत मे स्थित था। यह गोदावरी नदी के किनारे स्थिति था।
- गंधार की राजधानी तक्षशिला शिक्षा का केंद्र था ।यहां का प्रसिद्ध शासक पुस्कारशरीन था। जिसने अवनति नरेश चंडप्रद्योत को युद्ध मे पराजित किया ।
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